Thoughts...As described by some famous poets..
तन्हाई से इस क़दर मोहब्बत हो गयी है हमें,
कि अपना साया भी साथ हो तो भीड़ सी लगती है।।
.
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थक सा गया है मेरी चाहतों का वजूद,
अब कोई अच्छा भी लगे तो इज़हार नहीं करता।।
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ढूंढ रहा है वो हमसे,
दूर जाने का तरीका,
सोच रहा हूँ खफ़ा होकर उसकी,
मुश्किल ही आसान कर दूं ...!!
.
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बेरुखी, नाराज़गी, बदमिज़ाजी,
क्या क्या नाम न दूं इस बेचैनी को,
जो बस इस सवाल में उलझी है,
जो तू मेरा नहीं तो फिर मेरा क्या है?
Some thoughts always wander around our minds. Not all the times you get your own words to describe them. At these times, the verses from famous poets come in handy. :)
Last one was mine, as posted on Facebook. =)
तन्हाई से इस क़दर मोहब्बत हो गयी है हमें,
कि अपना साया भी साथ हो तो भीड़ सी लगती है।।
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थक सा गया है मेरी चाहतों का वजूद,
अब कोई अच्छा भी लगे तो इज़हार नहीं करता।।
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ढूंढ रहा है वो हमसे,
दूर जाने का तरीका,
सोच रहा हूँ खफ़ा होकर उसकी,
मुश्किल ही आसान कर दूं ...!!
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बेरुखी, नाराज़गी, बदमिज़ाजी,
क्या क्या नाम न दूं इस बेचैनी को,
जो बस इस सवाल में उलझी है,
जो तू मेरा नहीं तो फिर मेरा क्या है?
Some thoughts always wander around our minds. Not all the times you get your own words to describe them. At these times, the verses from famous poets come in handy. :)
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