Thursday, December 22, 2016

एक और दिन

निकला मैं सुबह सुबह 
सीधे रस्ते पर,
ट्रैफिक से बचते बचते,
चीप थ्रिल्स मेरे फ़ोन पर ,

चीप थ्रिल्स साला मुझे 
महंगा पड़ गया,
मैंने देखा नहीं और 
सिग्नल टूट गया 

रोज़ मैं आता हूँ 
इसी रस्ते पर,
मामू रहता नहीं,
कभी ड्यूटी पर,

आज ही साला मेरी,
किस्मत फूटी थी,
PUC की रसीद,
घर पे छूटी थी,

मामू मोटू साले का 
पेट बड़ा था 
फिर भी मेरे पीछे 
दौड़े पड़ा था 

अच्छा खासा चला था मैं 
बीच में अटका 
ले पड़ गया साला 
२०० का फटका 

ऑफिस पंहुचा मैं लेट 
पुरे १ घंटे से 
बॉस ने घूरा मुझे 
बहुत गंदे से

ख़ुशी का बादल मेरा 
फिर से छंट गया 
कल रात फिर से साला 
लॉग प्रोसेसिंग फट गया 

नाश्ता किया नहीं 
लंच के वांदे हो गए 
बिरयानी के सपने मेरे 
फिर से हवा हो गए 

किस्मत मेरी आज 
फिर से फूटी थी 
वाइफ को पिंग करना भुला 
वो भी रूठी थी 

कैसे कैसे फटे हुए का 
कर के निपटारा 
ऑफिस का एक और दिन 
मैंने जैसे तैसे गुज़ारा 

शाम को मम्मी की फिर से 
डांट पड़ी थी,
सुबह से शाम तक मेरी 
खटिया खड़ी थी 

यार मेरे सबसे अच्छे 
सब समझते हैं 
ओंकार मुझे आके बोला 
चल पार्टी करते हैं 

दर्द साला कैसा भी हो 
बस एक दवा चलती है 
दुआ काम करे न करे 
दारु काम करती है !!!
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Thursday, February 4, 2016

Tera Khayaal..

तेरा ख़्याल,
जैसे शमाँ से खेलता पतंगा,
ना-वाक़िफ़े-अंज़ाम
फितरत में जल जाना है,
पर आना है,

फड़फड़ाते पंखो से,
कुरेदता है,
दिल का वो छोटा सा ज़ख्म ,
जो ज़माने से है,
पर भरने का नाम नही ले रहा,

मेरे आईने पे,
तेरी एक बिंदिया
जो सिर्फ,
सुर्ख दाग रह जाती है,
बनता नहीं उसके अतराफ़,
तेरा कोई अक़्स

मालूम हो गया है,
पंछियों को भी
तेरे आने जाने का वक़्त
न हो तेरी बातें
और न उनकी चहचाहट

जाने कब तक
न छँटेगा
इस फासले का कोहरा
कब ओस बन गिरेंगे
तेरे चंद अल्फ़ाज़

चले आओ फिर से,
दबे पाँव चलकर,
हटा दो धूल,
जो
जमी है किताबों पर,

इससे पहले कि
पीले हो जाएं पन्ने
और चली जाये
सौंधी सी
ताज़ा खुश्बू

गा लेने दो मुझे,
सारे वो नग्मे,
जो तुम्हारे लिए,
मैंने कभी
गाये नहीं

लिख लेने दो
वो सारे
मुहब्बत भरे खत
जो तुम्हे मैंने
कभी लिखे नहीं

करवटें बहुत हो गयी
वक़्त की,
ज़िन्दगी की
अब और नहीं,
इम्तेहान

कोरे पन्ने
बहुत ज्यादा हो गए हैं,
तुम्हारी मेरी इस किताब में,
आओ लिखें,
कुछ जुमले,
कुछ नग़मे प्यार भरे

खामोश आँखों में,
फिर ढूंढे एक दूजे के लफ्ज़,
इससे पहले की,
झड़ जाये प्यार का हर पत्ता,
सूख जाए ये दरख़्त

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Cry-Baby to Try-Baby

 I joined Toastmasters last year, as I always wanted to work on my public speaking skills. The first speech in the Toastmasters club is an I...