Wednesday, July 22, 2015

Safar hi to hai....

गुज़रे,
हर एक पल के साथ,
लगता है मुझे,
मैं तुम्हे और भी चाहता हूँ ;
संग बिताये हर पल के लिए,
शुक्र अदा करता हूँ ;

एहसास भी है,
महसूस भी करता हूँ ,
साथी मेरा,
दोस्त मेरा,
बस तू ही तो है,

बार बार, हर बार ,
ख्वाब में, उजालों में ,
सूरज में और तारों में,
सिर्फ तुमको ही चुना करता हूँ ;

दौर है कुदरत का,
होते हैं मुश्किल कभी,
हालात भी ऐ हमनवां ;

चलूँगा तेरा साया बन,
कदम हर कदम;

जो भी है,
तेरी मेरी मोहब्बत का,
सफ़र ही तो है.।
.
.






No comments:

Post a Comment

Cry-Baby to Try-Baby

 I joined Toastmasters last year, as I always wanted to work on my public speaking skills. The first speech in the Toastmasters club is an I...